सोमवार, अप्रैल 25, 2011

मालदीव- खूबसूरती का समंदर

यह लेख दैनिक जागरण के यात्रा परिशिष्ट में 25 नवम्बर 2007 को प्रकाशित हुआ था।
लेख: उपेन्द्र स्वामी

ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को लेकर जो बात वेनिस के संदर्भ में कही जा रही है, वही मालदीव पर भी लागू होती है। समुद्र का बढता जलस्तर इस खूबसूरत जगह के अस्तित्व के लिये लगातार खतरा बन रहा है। अफसोस इस बात का है कि इसके लिये बहुत कुछ किया नहीं जा रहा। खतरा तात्कालिक तो नहीं लेकिन बहुत दूर भी नहीं। लेकिन इस खतरे से परे मालदीव एक ऐसी जगह है जहां जाना और सुकून के कुछ पल व्यतीत करना एक सपने के सच होने के समान है।

चारों तरफ नीला समुद्र और बीच में रैन बसेरा हो… यह जुमला केवल लग्जरी क्रूज लाइनर पर ही लागू नहीं होता। यहां हम बात कर रहे हैं एक ठहरे हुए कमरे, एक घर की। यह कल्पना जिस खूबसूरती के साथ मालदीव में साकार होती है, उतनी दुनिया में शायद और कहीं नहीं। बीच रिसॉर्ट में जो मादकता यहां मिलती है, वो भी कहीं और देखने को नहीं मिलेगी। मालदीव की अर्थव्यवस्था का सबसे बडा आधार पर्यटन है और यहां के रिसॉर्ट इस पर्यटन उद्योग की जीवनरेखा हैं। मालदीव को महसूस करना हो तो इन रिसॉर्ट में ठहरे बगैर उसका असली मजा नहीं लिया जा सकता।

मालदीव में 1192 छोटे-छोटे कोरल द्वीप हैं। इन द्वीपों के 26 द्वीप समूह हैं। कुल दो सौ ही द्वीपों पर स्थानीय आबादी रहती है। लेकिन सैलानियों के लिये उपलब्ध द्वीपों की संख्या भी खासी है। कुल 12 द्वीप समूहों पर 89 रिसॉर्ट सैलानियों के लिये हैं। कई द्वीप ऐसे हैं जो केवल सैलानियों के लिये बने रिसॉर्ट से ही आबाद हैं। कई रिसॉर्ट समूह ऐसे भी हैं जिन्होंने अगल-बगल के कई द्वीपों पर अपने रिसॉर्ट खोले हुए हैं।

मालदीव इस खूबसूरती के साथ समुद्र पर बसा हुआ है कि अगर आप राजधानी माले में न हों तो वहां आपको हर पल समुद्र पर ही होने का एहसास मिलेगा। हवाईजहाज से उतरें तो द्वीप पर। एयरपोर्ट से कहीं जायें तो समुद्र पर, रहें तो समुद्र पर, कमरे में बैठे-बैठे समुद्र की लहरों से उगते सूरज को देखें और फिर शाम ढले उसे समंदर की अनंत गहराई में उतरते देखें। इतना ही नहीं, सैर करें तो भी समुद्र पर। यह सैर समुद्र की सतह पर हो सकती है, कोरल रीफ के साथ-साथ प्रकृति की अदभुत कलाकारी को देखते-देखते भी हो सकती है या गोता लगाकर समुद्री जीवन की रंगीनियों का मजा लेते-लेते भी।

मालदीव के रिसॉर्ट आपको समुद्र का यही अनुभव दिलाने की होड करते हैं। अगर समुद्र आपको रोमांचित नहीं करता तो शायद मालदीव आपके लिये नहीं। लेकिन अगर ऐसा है तो आप वाकई एक नायाब जगह को देखने से वंचित रह जायेंगे। यहां हर रिसॉर्ट इस बात की कोशिश करता है कि सैलानियों का ज्यादा से ज्यादा तादात्म्य नीले समंदर के साथ स्थापित किया जा सके। इसीलिये यहां वे लोग नहीं आते जिन्हें धूम-धडाका पसन्द है। यहां वे लोग आते हैं जिन्हें सुकून की तलाश है। वे लोग जो कुछ समय के लिये बाहरी दुनिया से अपना नाता कम कर लेना चाहते हैं। वे लोग जो रोजमर्रा की भागदौड से थके अपने दिल-दिमाग को कुछ आराम देना चाहते हैं। वे लोग जो इस असीम शान्ति में खोकर और तरोताजा होकर नये जोशो-खरोश के साथ अपने काम में जुट जाना चाहते हैं। इसीलिये अब ज्यादातर रिसॉर्ट केवल रिसॉर्ट न होकर स्पा भी हो गये हैं।

जैसा कि हमने बताया कि कई रिसॉर्ट समूहों के पास एक से ज्यादा रिसॉर्ट अलग-अलग द्वीपों पर हैं। उदाहरण के तौर पर विला होटल समूह के पास पांच द्वीपों पर अलग-अलग रिसॉर्ट हैं। इनमें से दो तो अपने नाम से लुभाते हैं- फन आइलैण्ड व हॉलीडे आइलैण्ड। बाकी तीन रिसॉर्ट के साथ-साथ स्पा भी हैं- सन आइलैंड रिसॉर्ट एंड स्पा, रॉयल आइलैंड रिसॉर्ट एंड स्पा और पैरेडाइज आइलैंड रिसॉर्ट एंड स्पा। इसी तरह यूनीवर्सल रिसॉर्ट्स के पास मालदीव व सेशल्स में आठ द्वीपीय रिसॉर्ट्स तो हैं ही, एटोल (द्वीपसमूह) एक्सप्लोरर नाम का एक लग्जरी क्रूज जहाज भी है। मालदीव में उसके रिसॉर्ट कुरुंबा, बारोस, लैगूना, फुल मून व कुरामथी (ब्लू लैगून, कॉटेज एंड स्पा व विलेज अलग-अलग) द्वीपों पर हैं तो सेशल्स में लैब्रीज पर।

यदि रिसॉर्ट आपके मन को तृप्त नहीं कर पाते हों तो फिर आपके पास क्रूज बोट का विकल्प भी है। मालदीव टूरिस्ट बोर्ड के पास एक-दो नहीं बल्कि पूरी 71 क्रूज बोट का विवरण दर्ज है। पूरी छानबीन कीजिये और अपनी पसंद की बोट चुनिये। यह बेशक है कि क्रूज बोट आपको मालदीव के सभी लगभग 1200 कोरल द्वीपों की अदभुत सैर का मौका उपलब्ध कराती है। इनमें से कितनों की सैर आप वाकई कर पाते हैं, यह आपके ऊपर निर्भर करता है। गेम रिजर्व में सफारी के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा लेकिन मालदीव की क्रूज बोट आपको डाइविंग सफारी पर ले जाती है। हैरतअंगेज, रंग बिरंगे समुद्री जीवन को महसूस करने का यह सबसे बेहतरीन तरीका है। इन सबके अलावा जो लोग समुद्र से थोडा बच बचकर मालदीव का नजारा लेना चाहते हैं तो उनके लिये राजधानी माले में कई होटल हैं। माले ही मालदीव में एकमात्र ऐसी जगह है जो आपको शहरी आबादी के बीच होने का एहसास कराती है।

इस खूबसूरती को बनाये रखने के लिये कवायद कम नहीं

पर्यटकों के लिये मालदीव जितना खूबसूरत है, उतना ही यह शांत व सुरक्षित भी है। लेकिन ये खूबसूरती कायम रखने के लिये काफी जद्दोजहद भी है। वरना जिस संख्या में यहां दुनियाभर से सैलानी आते हैं, वह यहां के तटों को बदरूप करने के लिये बहुत है। मालदीव ने प्रकृति की इस अनमोल भेंट को अक्षुण्ण रखने के लिये जो उपाय किये हैं, वे भारत समेत बाकी देशों के लिये भी सबक हो सकते हैं। एक नजर उन कदमों पर जो मालदीव की खूबसूरती बनाये रखने के लिये उठाये जा रहे हैं-

  • ध्यान रखें कि मालदीव को 2006 में वर्ल्ड ट्रैवल अवार्ड्स में दुनिया की बेस्ट डाइव डेस्टिनेशन के खिताब से नवाजा गया था।
  • किसी तट के केवल 68 फीसदी हिस्से को ही कमरों के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है। बीस फीसदी को सार्वजनिक इस्तेमाल के लिये और 12 फीसदी को खुले स्थान के रूप में रखने की अनिवार्यता है। रिसॉर्ट में रहने वाले सैलानियों की संख्या के बारे में एक तय मानक है।
  • मालदीव सरकार ने रिसॉर्टों और बसावट वाले द्वीपों पर कोरल व रेत के खनन पर रोक लगा रखी है। मालदीव में कुल 25 अलग-अलग संरक्षित कोरल रीफ हैं। इतना ही नहीं, वहां कुल 1192 कोरल द्वीप हैं। रोचक बात है कि माले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी राजधानी माले से परे एक अलग द्वीप पर है।
  • मालदीव में एक द्वीप पर एक रिसॉर्ट की नीति लागू है। उसमें यह नियम भी लागू है कि किसी भी रिसॉर्ट की इमारत की ऊंचाई वहां ताड के सबसे ऊंचे पेड से ज्यादा ऊंची नहीं होनी चाहिये। किसी भी रिसॉर्ट पर कुल जमीन के केवल 20 फीसदी हिस्से पर ही निर्माण किया जा सकता है। जेटी वगैरा के निर्माण पर भी पर्यटन मंत्रालय का नियंत्रण है। वह हर तरह के निर्माण पर भी कडी निगरानी रखता है।
  • पेडों को काटने या प्राकृतिक वनस्पति को संरक्षित करने संबंधी किसी भी बडे काम को शुरू करने से पहले पर्यावरण प्रभाव आकलन नितांत जरूरी है।
  • जहां कुछ द्वीप समूहों में शार्क को पकडने पर रोक है तो कछुए को संरक्षित प्राणी का ही दर्जा दे दिया गया है और उनके किसी भी उत्पाद पर रोक लगी हुई है।
  • कूडे की समस्या न खडी हो, इसलिये सभी रिसॉर्टों पर इंसिनरेटर, बोटल क्रशर व कंपेक्टर लगाना अनिवार्य है। सभी नये रिसॉर्ट पर जलशोधन संयंत्र लगाने भी अनिवार्य हैं।
  • इसी तरह सभी रिसॉर्टों पर खारे पानी को पीने योग्य बनाने के संयंत्रों ने भी प्राकृतिक पेयजल पर दबाव काफी कम किया है।
  • एक और नियम यहां है कि रिसॉर्ट के सभी कमरों का मुंह तट की तरफ होना चाहिये और हर बंगले के आगे पांच मीटर का तटक्षेत्र छोडा जाना चाहिये।
आप भी अपने यात्रा वृत्तान्त और पत्र-पत्रिकाओं से यात्रा लेख भेज सकते हैं। भेजने के लिये neerajjaatji@gmail.com का इस्तेमाल करें। नियम व शर्तों के लिये यहां क्लिक करें

2 टिप्‍पणियां:

  1. मेरा भी नामः- घुम्मकड
    कामः- भटकना
    पसंदीदा जगहः- हर वो जहा सस्ते में भटकना संभव हो
    निवासः- हर दिल में
    अंतिम इच्छाः- घूमते-घूमते प्राण निकलें
    दोस्तः- जो यायावर हो
    पत्निः- स्वयं की
    प्रेमिकाः- प्रकृति
    अपना नाराः- भटको भईया भटको

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