शनिवार, जनवरी 14, 2012

कुमाराकोम- ईश्वर का देश

प्राकृतिक सौन्दर्य की बात हो और भारत के दक्षिणी अंचल की बात न हो, ये भला कैसे हो सकता है। भारत के दक्षिणी राज्यों में केरल की खूबसूरती सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। केरल के ही कोट्टायम शहर से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वह जगह, जिसके बारे में अपनी ही तरह के एकमात्र मशहूर गायक पॉल मैककार्टनी ने कहा था ’वाकई, यह ईश्वर का अपना घर है।’ यह जगह है कुमाराकोम। 

प्रकृति की दुर्लभ संतान 

केरल की सबसे लम्बी ताजे पानी की झील वेबनद पर बसे कुमाराकोम में दुनिया की सबसे दुर्लभ और खूबसूरत पेड-पौधों, फूलों और पक्षियों की प्रजातियां हैं। यही इसकी खास पहचान भी है। कुमाराकोम बर्ड सेंचुरी दुनिया की उन जगहों में से एक है, जहां 14 एकड के विशाल दायरे में प्रवासी पक्षियों की तमाम प्रजातियां एक साथ देखने का मौका मिलता है और वेबनद झील तो वैसे श्रिंप और प्रॉन मछलियों के लिये स्वर्ग ही है। दुनिया के तमाम हिस्सों से सैलानियों की भीड का खास केंद्र होती हैं ये दोनों ही जगहें। 

आत्मा का सुकून 

चारों ओर से हरियाली से आच्छादित इस साफ पानी की लम्बी झील में जब सैलानी नौकाओं में बैठकर प्रकृति का आनन्द उठाने निकलते हैं, तो दिल को बाग-बाग कर देने वाली मनोरम छटाओं के साथ-साथ पानी की कल-कल मन और आत्मा को वह सुकून देती है कि हर सैलानी मैककार्टनी का जुमला ही दोहराता है। भले ही शब्द अलग हों। वहीं फिशिंग के शौकीन भी इस झील में उतरते ही अपना शौक पूरा करने से नहीं चूकते। 

कुछ अलग है यह गांव 

वैसे शायद आपको पता न हो कि अरुंधती राय के उपन्यास ’द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ का गांव अयमानम भी यहीं है। यह कुमाराकोम से बिल्कुल सटा हुआ गांव है। और उपन्यास में जो ’हिस्ट्री हाउस’ है, वह है ताज गार्डन रिट्रीट होटल, जिसे ब्रिटिश पीरियड में अल्फ्रेड जॉर्ज बेकर ने बनवाया था। अपने स्थापत्य के लिये यह होटल भी यहां के दर्शनीय स्थलों में शुमार किया जाता है। 

सबसे दूर का आकर्षण 

केरल सरकार द्वारा विशिष्ट पर्यटन स्थल का दर्जा हासिल कर चुके कुमाराकोम को पर्यटन पत्रिका कोंदे नास्त ट्रेवलर ने दुनिया के सबसे दूरस्थ और आकर्षक स्थान के रूप में चिन्हित किया है। हालांकि यहां अब होटलों की भरमार है, लेकिन इसके प्राकृतिक सौन्दर्य में बनावटीपन अब तक शामिल नहीं हुआ है। पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इस जगह का उल्लेख करते हुए लिखा है कि यहां की खामोश प्राकृतिक सुन्दरता ध्यान और चिन्तन के लिये सर्वोत्तम माहौल प्रदान करती है। 

तो आओ चलें 

यदि आप इस खामोश प्राकृतिक सौन्दर्य की गोद में ईश्वर के देश का आनन्द उठाना चाहते हैं, तो पहुंच जायें कोच्चि, जो सिर्फ 85 किलोमीटर दूर है और कुमाराकोम का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। रेलयात्रा करना चाहते हैं तो नजदीकी रेलवे स्टेशन है कोट्टायम। दोनों ही जगहों से आप सडक मार्ग से कुमाराकोम पहुंच सकते हैं। रहने के लिये ताज गार्डन कुछ लोगों को थोडा महंगा लग सकता है, लेकिन चिन्ता न करें, यहां आपको सस्ते और अच्छे टूरिस्ट रिजॉर्ट्स भी उपलब्ध होंगे। चाहें तो हाउसबोट में भी रह सकते हैं। 

दैनिक जनवाणी में 10 अप्रैल 2011 को प्रकाशित

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