गुरुवार, जुलाई 14, 2011

श्यामला देवी के नाम पर बना शिमला

प्रस्तुति: कविता

संदीप पंवार के सौजन्य से

इस बार हम आपको ले चलते हैं, बर्फ से ढकी चोटियों के शहर जहां के मौसम के बारे में सोचकर ही ठण्ड महसूस होने लगती है, जहां कुछ समय के लिये तो सडकें भी सफेद हो जाती हैं (अरे भाई बर्फ से)। जी हां, शिमला।

शिमला सभी पर्वतीय स्थलों में सबसे ज्यादा पसन्द किया जाने वाला हिल स्टेशन है। एक मामूली गांव से बढकर शिमला आज एक शाही विकसित स्थल बन चुका है। इस शहर को अपना नाम हिमालय की देवी श्यामला (मां काली का एक रूप) से मिला। अंग्रेजों के समय से ही यह शहर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता आया है। आजादी के पहले भी शिमला अंग्रेजों का पसंदीदा हिल स्टेशन रहा है। इतना ही नहीं, सन 1864 में अंग्रेजों ने इसे गर्मियों की राजधानी घोषित किया और फिर आजादी के बाद यह 1966 तक पंजाब की राजधानी रही। आज यह हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। यह शहर आज भी अंग्रेजों के साथ बिताये गुजरे पलों की खूबसूरती तथा अपने हिमपात और सुहाने मौसम के कारण लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित यह शहर देश की राजधानी दिल्ली से 342 किलोमीटर दूर है। 18 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला यह शहर समुद्र तल से 2213 मीटर ऊंचा है। यहां का तापमान सर्दियों में 4 से 18 डिग्री और गर्मियों में 30 डिग्री तक हो जाता है। यानी सर्दियों में यहां बहुत ठण्ड रहती है।

तो चलिये थोडा शिमला घूम आये:

शिमला पहुंचने के साधन

शिमला जाने के लिये आप रेल, सडक या वायुयान, किसी भी साधन से जा सकते हैं।

हवाई यातायात: दिल्ली और चण्डीगढ से नियमित उडानें हैं जो जुब्बलहट्टी तक जाती हैं। जुब्बलहट्टी शिमला से 20 किलोमीतर दूर है।

रेल यातायात: शिमला के करीबी रेलवे स्टेशन कालका और चण्डीगढ हैं। दिल्ली से जाने वाली हिमालयन क्वीन तथा शताब्दी एक्सप्रेस कालका तक जाती हैं। एक और गाडी हावडा-कालका मेल दिल्ली से होते हुए जाती है। कालका तक जाने के बाद आप आगे टॉय ट्रेन से जा सकते हैं।

सडक यातायात: दिल्ली के आई एस बी टी से डीलक्स कोच बसें चण्डीगढ होते हुए शिमला पहुंचती हैं। आप चाहें तो चण्डीगढ से किराये पर कार लेकर भी जा सकते हैं।

लो, अब हम शिमला पहुंच गये। पर घूमने से पहले हम थोडा रिफ्रेश हो जाते हैं।

कहां ठहरें: शिमला में रहने के काफी अच्छे साधन हैं। इनमें से होटल सिसिल, होटल वुडविले पैलेस, ओबराय क्लार्क्स होटल, हिमलैण्ड होटल ईस्ट खास हैं।

अपने होटल में थोडे आराम के बाद आप घूमने के लिये तैयार होंगे। तो आइये, यहां के दर्शनीय स्थल देखने चलें।

शहर कैसे घूमें: शहर घूमने के लिये आप यहां से टैक्सी किराये पर ले सकते हैं।

मनोरंजक स्थल:

इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज: 1888 में बनी यह संस्था शहर से चार किलोमीटर की दूरी पर है। अंग्रेजों के शासन में बनाई गई इसकी इमारत अपनी बढिया वास्तुकला के साथ साथ सुन्दर बागों के लिये जानी जाती है पर इस भव्य इमारत का लुत्फ उठाने के लिये पहले टिकट लेनी पडेगी।

तारा देवी मन्दिर: शिमला से 11 किलोमीटर दूर पर्वत की चोटी पर स्थित यह मन्दिर मां तारा देवी को समर्पित है। बालूत के पेडों से घिरे इस मन्दिर से आप शिमला की घाटियों का विहंगम दृश्य देख सकते हैं।

संत माइकल्स चर्च: किसी समय में यह चर्च अपने स्टेन ग्लास वर्क के लिये भारत का सबसे सुन्दर चर्च माना जाता था। यह चर्च आशा, विश्वास, सहनशीलता और विनम्रता का प्रतीक है।

चैडविक फाल्स: घने जंगलों से घिरा यह वाटर फाल शिमला से 7 किलोमीटर की दूरी पर है। यह 67 मीटर की ऊंचाई से गिरता है।

प्रोस्पेक्ट हिल: यह एक पिकनिक स्पॉट है जो शिमला बिलासपुर रास्ते पर स्थित है। शिमला के पश्चिम में पांच किलोमीटर दूर यह स्थल अपने आसपास के क्षेत्र की खूबसूरती को दर्शाता है।

हिमाचल स्टेट म्यूजियम: हिमाचल प्रदेश की मूर्तियों, सिक्कों तस्वीरों आदि का यह संग्रहालय शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

संकटमोचन मन्दिर: शिमला-चण्डीगढ रोड पर स्थित यह मन्दिर श्री हनुमान को समर्पित है। इस मन्दिर से आप शिमला की चहल-पहल को देख सकते हैं।

लक्कड बाजार: रिज से कुछ ही दूरी पर स्थित लक्कड बाजार में आप लकडी के विभिन्न रूपों और आकारों को देख सकते हैं। चाबी के छल्ले, छडी, खिलौने आदि लकडी से बना हुआ सामान आप यहां सस्ते दामों पर खरीद सकते हैं।

रिज: रिज एक ऐसी जगह है जहां जंगल की वादियों में प्रकृति के बीच हर कोई अपना समय बिताने जरूर आना चाहेगा। यहां बैठकर आप थोडे समय के लिये अपनी सभी चिंताएं भूल जायेंगे।

तो लो, हमने शिमला तो घूम लिया, अब आओ खाना पीना भी हो जाये।

खाना कहां से खायें?

-माल के स्कैंडल पॉइण्ट में स्थित डेवीकोस रेस्तरां की पाव भाजी बहुत मशहूर है।

-माल के पूर्वी छोर में स्थित बालजीस रेस्तरां भारतीय तथा पश्चिमी व्यंजनों के लिये विख्यात है।

-होटल ओबराय क्लार्क भी अपने व्यंजनों के लिये मशहूर है।

-मिल्क शेक, काफी और स्नैक्स आदि के लिये आप पार्क कैफे जा सकते हैं।

खाना पीना हो गया हो तो, थोडी शापिंग भी कर लें।

शापिंग कहां से करें

शिमला के माल में बहुत से बडे शोरूम हैं।

-स्कैण्डल पाइण्ट के पास हिमाचल एम्पोरियम के कुल्लू शालें, हाथ से बुने मोजे, दस्ताने, टोपियां आदि प्रसिद्ध हैं।

-दीवानचंद आत्माराम का शोरूम गर्म कपडों के लिये विख्यात है।

-स्कैण्डल पाइण्ट से थोडी दूर तिब्बतन मार्किट में आप जीन्स, टी-शर्ट , बैग, जैकेट आदि खरीद सकते हैं।

-लक्कड बाजार में लकडी की चीजें खरीद सकते हैं।

अब जब शिमला आये ही हैं, तो उसके आसपास भी घूम आयें।

शिमला के आसपास के मनोरंजक स्थल

नालदेहरा: खुली धूप से भरा यह हरा भरा मैदान शिमला से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का गोल्फ कोर्स और देवदार के जंगल अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिये विख्यात हैं। यहां रहने के लिये लकडी की झोंपडियां भी मौजूद हैं।

चैल: विश्व का सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान तथा पोलो ग्राउण्ड वाला यह क्षेत्र कभी पटियाला की राजधानी था। तीन पहाडियों पर बने इस क्षेत्र की पहली चोटी पर चैल पैलेस, दूसरी चोटी पर चैल गांव और तीसरी चोटी पर स्नो व्यू मैंशन है। यहां से तीन किलोमीटर आगे एक वाइल्डलाइफ सेंचुरी है।

फागु: शिमला से 22 किलोमीटर दूर यह स्थान दूर ऊंचे पर्वतों का मनमोहक दृश्य दिखाता है। यहां का देशूमाता मन्दिर और सेबों के बाग भी यहां की सुन्दरता को बढाते हैं। यह स्थल ट्रेकिंग के शौकीन लोगों को भी जरूर पसन्द आयेगा।

कुफरी: कुफरी अपनी बर्फ से ढकी चोटियों के लिये मशहूर है। यहां एक हिरण पार्क भी है तथा कई अन्य पिकनिक स्पाट भी हैं। शिमला से 12 किलोमीटर दूर इस मंजिल तक आप आधे घण्टे में पहुंच जायेंगे।

मशोबरा: यह एक छोटा सा गांव है जो शिमला से 13 किलोमीटर दूर शिमला-नालदेहरा के रास्ते पर स्थित है। घने जंगलों से घिरा यह गांव अपनी हरियाली के लिये जाना जाता है तथा यहां का दुर्गा देवी का मन्दिर भी देखने योग्य है।

तो बताइये, कैसा लगा शिमला? अब तो आप शिमला के बारे में बहुत कुछ जान गये होंगे।


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