रविवार, सितंबर 11, 2011

सदाबहार मौसम का राजा- नाहन

बर्फीले पर्वतों के आंचल में सिमटा हिमाचल प्रदेश अनगिनत प्राकृतिक व ऐतिहासिक धरोहरों का स्वामी है। शहर की भीड, प्रदूषण व तेज आवाजाही से दूर। आइये, आज हिमाचल प्रदेश के 3647 मीटर ऊंचे चूडधार पर्वत की गोद में बसे नाहन की सैर करें। नाहन की समृद्ध प्राकृतिक सम्पदा व खूबसूरती से प्रभावित होकर 1621 में राजा करण प्रकाश ने इसे अपने राज्य की राजधानी बनाया था। अपने सदाबहार मौसम के कारण आज भी नाहन देश-विदेश के पर्यटकों को सम्मोहित करता है।

जगन्नाथ मन्दिर: वर्षा ऋतु के अन्तिम चरण में बावन द्वादशी महोत्सव के लिये प्रसिद्ध जगन्नाथ मन्दिर की स्थापना 1681 में राजा बुध प्रकाश ने की थी। इस अवसर पर शहर के सभी प्रमुख मन्दिरों की मूर्तियों की शोभा यात्रा का आयोजन किया जाता है। बाद में भगवान जगन्नाथ की नमस्क्रिया स्वरूप की इन मूर्तियों को इसी मन्दिर में निर्मित कुण्ड में विसर्जित कर दिया जाता है।

बाला सुन्दरी मन्दिर: आदि शिवलिंग सदृश्य देवी बाला सुन्दरी की पिण्डी की पूजा केवल इसी जगह होती है। मन्दिर के प्रांगण में दो अन्य छोटे मन्दिर भी स्थापित हैं। वर्ष में दो बार यहां पारम्परिक मेले का आयोजन भी किया जाता है।

शिवालिक जीवाश्म पार्क साकेति: मध्ययुगीन काल में इस धरती पर पाये जाने वाले अनेकानेक जीव-जन्तुओं के अवशेष इस स्थान की खुदाई के दौरान प्राप्त हुए जोकि मानव विज्ञान में अब तक की गई खोजों में प्रमुख है। नाहन से करीब 22 किलोमीटर दूर साकेति में ही इन जीवाश्मों के वास्तविक आकार के फाइबर ग्लास से निर्मित मॉडल स्थापित किये गये हैं जिन्हें देखकर रोमांच व आश्चर्य की मिलीजुली अनुभूति होती है।

कैसे जायें

वायु मार्ग: नाहन पहुंचने के लिये दिल्ली से देहरादून व चण्डीगढ तक वायुदूत द्वारा हवाई सेवा का प्रबन्ध किया गया है। हिमाचल में स्थित शिमला तक भी वायुसेवा उपलब्ध है। हवाई यात्रा के इच्छुक पर्यटकों को इन तीनों पडावों के बाद सडक मार्ग द्वारा अपनी यात्रा जारी रखनी पडेगी।

रेल सेवाएं: नाहन से 100 किलोमीटर की दूरी पर अम्बाला जंक्शन व 65 किलोमीटर की दूरी पर पौण्टा साहब रेलवे स्टेशन हैं। इन दोनों स्थानों के लिये कई रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। (पौण्टा साहिब में कोई रेल सेवा नहीं है। हां, चण्डीगढ व देहरादून भी पास ही हैं। -नीरज जाट)

सडक मार्ग: इस पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिये दिल्ली मुख्यद्वार लांघकर ही पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से नाहन जाने के लिये शाहबाद, नारायणगढ, काला अम्ब से होते हुए नाहन पहुंचा जा सकता जा सकता है या फिर दिल्ली, पीपली, यमुनानगर, कालेसर से पौण्टा साहिब और वहां से 45 किलोमीटर दूर नाहन की दूरी तय की जा सकती है। नाहन से साकेति पार्क की दूरी 22 किलोमीटर है।

लेख: सिमरन

सन्दीप पंवार के सौजन्य से


आप भी अपने यात्रा वृत्तान्त और पत्र-पत्रिकाओं से यात्रा लेख भेज सकते हैं। भेजने के लिये neerajjaatji@gmail.com का इस्तेमाल करें। नियम व शर्तों के लिये यहां क्लिक करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें