गुरुवार, जुलाई 07, 2011

एक चम्बा उत्तराखण्ड में

लेख: रविशंकर जुगरान

मैदानी भागों में तपिश चरम पर है और बच्चों के स्कूल भी खुलने को हैं। जो लोग रह गये, वे बचे हुए समय में कहीं न कहीं निकलने की योजना बना रहे होंगे। आप लोगों के पास हिल स्टेशनों की एक लम्बी-चौडी लिस्ट होगी। लेकिन कई लोग इस संशय में होंगे कि ये हिल स्टेशन उनकी जेब के मुताबिक मुफीद होंगे या नहीं। खैर, कोई बात नहीं। यदि आप सीमित बजट में खूबसूरत हिल स्टेशन की सैर करना चाहते हैं तो बिना किसी झिझक के चले आइये चम्बा।

आमतौर पर चम्बा का नाम आते ही लोगों के जेहन में हिमाचल की ही तस्वीर उभर कर सामने आती है लेकिन यदि आप उत्तराखण्ड आयें तो यहां भी आप चम्बा के दर्शन कर सकते हैं। इस चम्बा की खूबसूरती भी देखते ही बनती है। फर्क सिर्फ इतना है कि हिमाचल का चम्बा पर्यटन के नक्शे पर अपना मुकाम बना चुका है जबकि उत्तराखण्ड में स्थित चम्बा अभी अपनी जगह बनाने की कोशिश में है।

मसूरी, ऋषिकेश, नई टिहरी, धरासू और उत्तरकाशी की सडकों के बीच स्थित चम्बा छोटा किन्तु मनोहारी पर्यटन स्थल है। गंगोत्री जाने वाले पर्यटक और तीर्थयात्रियों को चम्बा के दर्शन करने का मौका मिलता है। देवदार और बुरांश के घने जंगलों के बीच चम्बा प्रकृति प्रेमियों के लिये स्वर्ग सरीखा है क्योंकि हिमालय के सभी शिखरों को चम्बा के आसपास से आप आसानी से देख सकते हैं। बंदरपूंछ और भागीरथी शिखरों के दृश्य हर किसी को लुभाते हैं। गर्मी में जंगली गुलाब, जलीय पौधे और मौसमी फल यहां बहुतायत में मिलते हैं। चम्बा मौसमी फलों के लिये भी मशहूर है क्योंकि यहां का एक इलाका फल पट्टी के रूप में जाना जाता है। वन्य प्रेमियों के लिये भी ये क्षेत्र एक आदर्श स्थान हैं। लंगूर, जंगली बिल्ली, लोमडी, खरगोश के अलावा चम्बा के इर्द-गिर्द के क्षेत्रों में काले भालू भी देखने को मिलते हैं।

टिहरी झील के बनने से इस स्थान का आकर्षण कुछ ज्यादा ही बन गया है क्योंकि टिहरी की झील यहां से ज्यादा दूर नहीं है। चम्बा बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिये भी एक आदर्श स्थान है। बिना किसी दूरबीन की सहायता के अलग-अलग तरह के पक्षियों को करीब से निहारना ही चम्बा की सबसे बडी खासियत है। इस छोटे से कस्बे के इर्द-गिर्द के इलाकों में हडियाल, कबूतर, कस्तूरिका, बकवादी पक्षी और क्ठफोडवा सामान्य रूप में पाये जाते हैं।

चम्बा की सबसे बडी खासियत यह है कि मसूरी और टिहरी जैसे हिल स्टेशनों के करीब होते हुए भी इस छोटे से शान्त कस्बे ने अपने ग्रामीण परिवेश को आज भी संजो रखा है। यही वजह है कि जब सैलानी यहां पहुंचते हैं तो उन्हें शहर के कोलाहल से कुछ समय के लिये शान्ति और सुकून मिलता है। चम्बा उन जगहों में एक है जहां आप आसानी से कुछ दिन बिता सकते हैं। सूर्यास्त का नजारा भी यहां से विस्मयकारी है।

यहां का बागेश्वर मन्दिर भी आकर्षण का केंद्र है। मन्दिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस मन्दिर में स्थापित लिंग पौराणिक और स्वयंभू है। चम्बा और इसके आसपास देखने योग्य कई अन्य जगहें भी हैं- प्राचीन सुरकंडा देवी मन्दिर यहां से एक घण्टे में पहुंचा जा सकता है तो नई टिहरी जैसा खूबसूरत मास्टर प्लान शहर यहां से मात्र दस किलोमीटर की दूरी पर है जहां से टिहरी बांध और वहां फैलाव लिये हुए झील को आसानी से देखा जा सकता है। घने देवदार वृक्षों के बीच खूबसूरत धनोल्टी भी यहां से बहुत करीब है। धनोल्टी का आकर्षण पर्यटकों को लुभाता है। चम्बा के नजदीक ही रानीचौरी नामक स्थान है जहां पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय का कैम्पस लोगों के आकर्षण का केंद्र है। कृषि वैज्ञानिकों की बनाई फूलों की वाटिका यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को लुभाती है। साथ ही यहां पर अंगूरा ऊन का केंद्र भी है जहां दूर-दूर से लोग पहुंचकर अंगूरा ऊन खरीदते हैं।

सुन्दर मौसम और आसपास के मनोहारी दृश्य इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाने के लिये काफी हैं। चम्बा छुट्टियां बिताने के लिये उन आरामदायक स्थानों में से एक है जहां पहुंचकर आप अदभुत शान्ति प्राप्त कर सकते हैं। देवदार, बांज व बुरांश के पेड और इनसे बहने वाली ठण्डी हवाएं और मनोरम दृश्य यहां पहुंचने वालों को आकर्षित करते हैं।

कैसे पहुंचें

देहरादून का जौली ग्राण्ट निकटतम हवाई अड्डा है। हरिद्वार या ऋषिकेश नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। देश के किसी भी कोने से आप हवाई या रेल मार्ग के जरिये इन स्थानों पर पहुंच सकते हैं। इसके बाद चम्बा तक बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। हरिद्वार से चम्बा करीब 92 किलोमीटर और ऋषिकेश से 62 किलोमीटर की दूरी पर है। मसूरी से चम्बा की दूरी 105 किलोमीटर है। गर्मियों में यहां का तापमान 15 से 30 डिग्री और जाडों में 8 से 15 डिग्री सेंटीग्रेड के करीब होता है।

कहां ठहरें

यूं तो चम्बा में गढवाल मण्डल विकास निगम का पर्यटक आवास गृह भी है लेकिन अब इस कस्बे ने अपना आकार बढा लिया है और जब से गंगोत्री और यमुनोत्री आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है तब से यहां छोटे-छोटे होटल भी खुल गये हैं जो पर्यटकों को आसानी से सस्ते दामों पर मिल जाते हैं। कुल मिलाकर चम्बा हर किसी की जेब के लिये मुफीद हिल स्टेशन है जहां आप आसानी से कुछ दिन फुर्सत से बिता सकते हैं, बिना किसी टेंशन के।

यह लेख दैनिक जागरण के यात्रा परिशिष्ट में 29 जून 2009 को प्रकाशित हुआ था।



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